COVID 19 का इलाज अब ज्यादा दूर नही
जी हाँ! सही पढ़ा आपने। 12 अगस्त वो तारीख है जब पूरी दुनिया की नज़रे सिर्फ एक देश पर होगी और वो है रशिया यानी रूस।
क्योकि रूस ही वो देश है जो कोरोना वायरस के टीके को बनाने में सबसे करीब पहुच गया है। जून के प्रथम सप्ताह से ही वहां इस के वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया गया था। जिसके नतीजे 12 अगस्त को जारी किए जाएंगे।
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जी हाँ, यही है इस वैक्सीन का नाम। अब आप सोच रहे होंगे आखिर रूस ने ये वेक्सीन इतनी जल्दी कैसे बनाली?
तो इसका जवाब है , रूस ने कोरोना के लिए वेक्सीन नही बनाई थी। वो पहले से ही फ्लू के टीके पर काम कर रहा था उसी को मोडिफाइड करके वहाँ के वैज्ञानिकों ने यह टिका विकसित किया है। ad5 ओर ad26 आसान भाषा मे समझे तो अडरनो वायरस 5 ओर 26 को मिलाकर इस वेक्सीन को बनाया गया है।
अब ये क्या बला है ?
इसे यू समझियेगा जैसे आम वेक्सीन सिर्फ एक बार लगता है लेकिन ये टिका दौ बार लगेगा। दूसरी बार इसका बूस्टर डोज लगेगा।
कौन कौन से देश है जिन्हें मिलेगा ये वेक्सीन?
पूरी दुनिया इस वेक्सीन को खरीदने में रुचि दिखा रही है जिसमे भारत, विएतनाम, ब्राज़ील,अफ्रीकी देश और जापान जैसे देेश हैै।
लेकिन यूरोप और अमेरिका इसे शक की निगाहों से देख रहे है। जब तक वेक्सीन से जुड़े आंकड़े ओर रिसर्च पेपर पब्लिश नही होते तब तक ये देश आगे बढ़ने के मूड में नही है।
कब तक मिलेगा यह दुनिया को ?
अक्टूम्बर में इसका मास प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। सबसे पहले ये डाक्टर्स, ओर कम्यूनिटीवर्कर्स को दिया जाएगा। पूरी दुनिया मे इसकी सप्लाई दिसम्बर तक होने की संभावना है।
रूसी वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस वेक्सीन को बनाने में फ़ास्ट ट्रेक प्रक्रिया की अनुमति ली गई है इसी कारण ये वेक्सीन इतनी जल्दी बन पाया है।
फेज 3 के ट्रायल सफल रहे है, इसीलिए इसके सफल होने की सभांवना सबसे अधिक है।
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